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    प्राचार्य

    शरथ पी

               श्री.शरथ पी प्राचार्य                       पीएम श्री केवी कवरत्ती

    आज, स्कूल की भूमिका न केवल अकादमिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाना है, बल्कि अपने छात्रों को आजीवन शिक्षार्थी, आलोचनात्मक विचारक और लगातार बदलते वैश्विक समाज के उत्पादक सदस्य बनने के लिए प्रेरित और सशक्त बनाना भी है। एक स्कूल को अपने छात्रों को बहुमुखी विकास के लिए एक माहौल प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए, जहाँ बच्चों को उत्कृष्टता की खोज में अपनी क्षमता को चैनलाइज़ करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह केवल एक समग्र, छात्र-केंद्रित वातावरण में ही संभव हो सकता है। प्रत्येक छात्र की प्रतिभा, कौशल और क्षमताओं को पहचानने, पोषित करने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ताकि वह अधिक ऊंचाइयों तक पहुंच सके। छात्रों को सोचने, व्यक्त करने और अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्हें कई मुद्दों पर बातचीत करने के लिए सशक्त बनाना आवश्यक है, जिसमें शिक्षक एक सुविधाकर्ता हो।

    हम अक्सर बच्चों को उनकी उम्र, वर्ग, जातीयता या पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना एक खाली नोटबुक की तरह समझने की गंभीर गलती करते हैं, जिस पर अभी तक कुछ नहीं लिखा गया है। ऐसा करने में, हम अक्सर यह महसूस करने में विफल रहते हैं कि प्रत्येक बच्चे की अपनी व्यक्तिगतता, विशेष कौशल और प्रतिभाएँ होती हैं। इसलिए, एक अच्छी शिक्षा प्रणाली वह है जो बच्चे को उचित, सर्वव्यापी शिक्षा प्रदान करके उसकी प्रतिभा को निखारने और कमियों को दूर करने में मदद करती है। यह बच्चे को उसके व्यक्तित्व को विकसित करने में सक्षम बनाता है और बच्चे को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।